नहीं होते
खून छानने वाले , नस्लों के अमीर नहीं होते
हाथ पकड़ जिंदगी थामने वाले ,प्रेमी नहीं होते
ख़ाक कर जहां को , राख पूजने वाले भक्त नहीं होते
केवल मयखानों के साथी ,दोस्त नहीं होते
दागों के सौदागर , मन के श्वेत नहीं होते
रातों के जागे , हर इक आशिक नहीं होते
मन से हमारे , अनेक नहीं होते
मन की करने वाले , खुदगर्ज़ नहीं होते
रेखाओं के नाशक , बावले नहीं होते
ज़मीर के विक्रेता , क्षमा के पात्र नहीं होते
बंधनों के आदी , कलाकार नहीं होते
मतलब से मिले , सहारे नहीं होते
स्वार्थ के तर्क, ईश्वर के इशारे नहीं होते
अपने सच को कहते शब्द , बहाने नहीं होते
शिकायत के हकदार , अनजाने नहीं होते
वस्ल और वफ़ा , साथी नहीं होते
बुने रिश्तों के धागे , पर्दे नहीं होते
उठती आवाज़ों के बीते कल , खूबसूरत नहीं होते
समझ से परेह तुम्हारी , काफ़िर नहीं होते
बुरे पलों के दावे , आने वाले कलों पर नहीं होते
खुशी की तलाश में हो गुम , खुशी के ठिकाने नहीं होते
ना समझे तो भी क्या गम है , इंसान तारे नहीं होते
अच्छे बन कर तो देखो , किस्सों के पिटारे उदास नहीं होते।
© कशिश सक्सेना
Khushi ki talash me ho tum
ReplyDeleteKhushi ke thikane nahi hote... Waah
Thank you sir 🙏🏼🥰
DeleteWow❤️
ReplyDeleteThank you 🥰
DeleteKya likha hai boss!
ReplyDeletethe deep meaning every sentence holds and the way you have beautifully rhymed it!
Wow, one of your best until now!❤️
This comment has been removed by the author.
DeleteThank you so much 🥺❤️
DeleteBahut khoobsurat. 🌸
ReplyDeleteThank you so much 🥰
DeleteAre aag laga dii 🔥🔥
ReplyDeleteKafi khatarnak
Thank you so much 🥰
DeleteI guess i need to reach you for collaboration. Amazing
ReplyDeleteFor sure ! Thank you so much 🥰
DeleteWell done kashish
ReplyDeleteThank you so much 🥰
DeleteIt's very good kashish ;)
ReplyDeleteThank you so much 🥰
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteAwesome writing ✍ 👏 👌 👍
ReplyDelete