नहीं होते


फितूर पालने वालों के ,ज़मीर नहीं होते 
खून छानने वाले , नस्लों के अमीर नहीं होते 
हाथ पकड़ जिंदगी थामने वाले ,प्रेमी नहीं होते
ख़ाक कर जहां को , राख पूजने वाले भक्त नहीं होते 

केवल मयखानों के साथी ,दोस्त नहीं होते
दागों के सौदागर , मन के श्वेत नहीं होते 
रातों के जागे , हर इक आशिक नहीं होते 
मन से हमारे , अनेक नहीं होते

मन की करने वाले , खुदगर्ज़ नहीं होते
रेखाओं के नाशक , बावले नहीं होते
ज़मीर के विक्रेता , क्षमा के पात्र नहीं होते
बंधनों के आदी , कलाकार नहीं होते

मतलब से मिले , सहारे नहीं होते 
स्वार्थ के तर्क, ईश्वर के इशारे नहीं होते
अपने सच को कहते शब्द , बहाने नहीं होते
शिकायत के हकदार , अनजाने नहीं होते

वस्ल और वफ़ा , साथी नहीं होते
बुने रिश्तों के धागे , पर्दे नहीं होते
उठती आवाज़ों के बीते कल , खूबसूरत नहीं होते
समझ से परेह तुम्हारी , काफ़िर नहीं होते 

बुरे पलों के दावे , आने वाले कलों पर नहीं होते
खुशी की तलाश में हो गुम , खुशी के ठिकाने नहीं होते
ना समझे तो भी क्या गम है , इंसान तारे नहीं होते
अच्छे बन कर तो देखो , किस्सों के पिटारे उदास नहीं होते।

© कशिश सक्सेना

Comments

  1. Khushi ki talash me ho tum
    Khushi ke thikane nahi hote... Waah

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  2. Gursharan18.9.21

    Wow❤️

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  3. Kya likha hai boss!
    the deep meaning every sentence holds and the way you have beautifully rhymed it!
    Wow, one of your best until now!❤️

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    1. This comment has been removed by the author.

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    2. Thank you so much 🥺❤️

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  4. Bahut khoobsurat. 🌸

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  5. Are aag laga dii 🔥🔥
    Kafi khatarnak

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  6. I guess i need to reach you for collaboration. Amazing

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  7. Well done kashish

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  8. It's very good kashish ;)

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  9. This comment has been removed by the author.

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  10. Awesome writing ✍ 👏 👌 👍

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